UCC से महिला सशक्तिकरण और कुप्रथाओं पर रोक: CM धामी ने बताया कैसे मिलेगा समान अधिकार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रभावी क्रियान्वयन पर जानकारी देते हुए कहा कि इसे लागू करने के लिए राज्य में एक मजबूत प्रणाली तैयार की गई है। आम जनता की सुविधा के लिए एक समर्पित पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, साथ ही 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को इससे जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु ऑटो एस्केलेशन और शिकायत निवारण प्रणाली भी लागू की गई है। डिजिटल और फिजिकल नेटवर्किंग के जरिए महज चार महीनों में राज्यभर से डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से लगभग 98% गांवों से आवेदन आए हैं, जो जनता के व्यापक समर्थन को दर्शाता है।
सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से किया गया वादा अब साकार हो रहा है। सरकार ने शपथ लेने के बाद पहले दिन से ही UCC लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया था।
उन्होंने बताया कि UCC का उद्देश्य जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर होने वाले कानूनी भेदभाव को समाप्त करना है, ताकि सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल सकें। इसके तहत हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी प्रथाओं पर रोक लगेगी। हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत आने वाली अनुसूचित जनजातियों को इससे बाहर रखा गया है, ताकि उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों की रक्षा की जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सभी समुदायों की बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है। प्राकृतिक, सहायक या लिव-इन संबंधों से जन्मे बच्चों को भी संपत्ति में बराबरी का हक मिलेगा। साथ ही, अब बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्राप्त होगा, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो सकेगा।