Uttarakhand

उत्तराखंड: छात्रवृत्ति राशि के दुरुपयोग पर सरकार सख्त, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए संचालित केंद्र प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं में गंभीर अनियमितताओं की आशंका के चलते शासन ने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को एक माह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। यदि जांच में वित्तीय गड़बड़ी की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद 90 से अधिक शिक्षण संस्थानों और स्कूलों को संदिग्ध माना गया है, जिनमें अधिकांश देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में स्थित हैं। इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की जाए, जिसमें खंड शिक्षाधिकारी, सहायक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और सहायक समाज कल्याण अधिकारी सदस्य होंगे।

यह जांच समिति छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2021-22 और 2022-23 में हुई अनियमितताओं की जांच कर एक माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा भी इस संबंध में राज्य को निर्देशित किया गया है और एक विस्तृत कार्यवृत्त व संदिग्ध संस्थानों की जिलेवार सूची भी भेजी गई है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी संस्थान में फर्जीवाड़ा या निधियों का दुरुपयोग पाया गया तो संबंधित प्राधिकारियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी संस्थानों में यदि संस्था प्रमुख, नोडल अधिकारी और आवेदक – सभी फर्जी पाए जाते हैं, तो संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

इसके साथ ही, राज्य सरकार को इस पूरे मामले की “एक्शन टेकन रिपोर्ट” तय प्रारूप में भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। शासन ने साफ कर दिया है कि इस संवेदनशील मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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